Title | “अभी दिल्ली दूर है” कैसे बनी ये कहावत ? |
URL | https://www.thoughtfulaffairs.in/abhi-dilli-door-hai-kaise-bani-ye-kahavat/ |
Category | Education --> School Wear |
Meta Keywords | अभी दिल्ली दूर है |
Meta Description | “अभी दिल्ली दूर है” ये एक पुरानी कहावत है जिसका इस्तेमाल हम ऐसे काम के लिए करते हैं जो अभी पूरा नहीं हुआ। ये बात फ़ारसी ज़बान में कई सौ साल पहले एक सूफ़ी संत ने कही थी। ये सूफ़ी संत थे – हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया जिनकी दरगाह दिल्ली में है। |
Owner | Neetu Sharma |
Description |
उस समय सुल्तान गयासुद्दीन तुग़लक़ का राज था। गयासुद्दीन तुग़लक़ ने तुग़लक़ राजवंश की स्थापना की और 1320 से 1325 तक दिल्ली की सल्तनत पर शासन किया। अपने दूसरे अभियान में गयासुद्दीन तुग़लक़ ने शाहज़ादे ‘जौना ख़ाँ’ (मोहम्मद बिन तुगलक) को दक्षिण भारत में सल्तनत के प्रभुत्व की पुन:स्थापना के लिए भेजा।
मोहम्मद बिन तुगलक ने वारंगल के पाण्ड्य राज्यों को विजित कर सल्तनत में शामिल कर लिया। इस प्रकार सबसे पहले गयासुद्दीन के समय में ही दक्षिण के राज्यों को दिल्ली सल्तनत में मिलाया गया। गयासुद्दीन तुग़लक़ पूरी तरह साम्राज्यवादी था और अलग अलग राज्यों को अपनी सल्तनत का हिस्सा बनाने के लिए युद्ध करता रहता था। हिन्दू जनता के प्रति ग़यासुद्दीन तुग़लक़ की नीति कठोर थी और वो संगीत का घोर विरोधी था। |